Arya | Date: Sunday, 2011-11-13, 7:55 PM | Message # 1 |
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| ओम्!
आज आपए सामने एक रहस्य का उद्घाटन होने वाला है।आप यह जानकर शायद ही वीर्य स्खलित करेंगें।स्वामी दयानन्दजी की मृत्यो कैसे हुई?उनको उनके जीवन में अनेक तरह के विष पिलायेए गये।उनको लग्भग पूरे जीवन में १७ बार जहर दे दिया था।आप जरा सोचिये यदि आप जहरपी लें तो आपको कितन दु:ख मिलेगा।आप कभी भी ऐसा स्वप्न में भी नहीं सोच सकते हैं।यदि आपको जहर दे दिया जाय तो आप मात्र आधे घन्टे मे मर जायेंगें।किन्तु स्वामी दयानन्दजी की क्भी मृत्यु ही नही हुई।एक दो बार नहीं १७ बार उन्हें जहर दे दिया गया था।जो व्यक्ति १७ बार जहर देने पर भी न मरे तो उसकी शक्ति का क्या परावर होगा?
हमें यह सोचना चाहिये कि उनमे इतनी शक्ति कैसे आयी?यह शक्ति उनमें ब्रह्मचर्य की वजह से आयी।जो ब्रह्म्चारी होना चाहव तो उसको इतनी अधिक शक्ति मिलेगी।दुश्ट उन पर तल्वार भाला लाठी लेके उन्हें मारने आते थे।फिर भी उनकी मृत्यु कोई नही ला सका था।न जाने कितनी बार उनपर पत्थर,लाठियाँ बरसीं।आजकल के युवक तो इन्हें देखकर हीं भाग जायें।अत: जो ब्रह्मचारी होता है उसमें अत्यन्तबल होता है।
ऐसा माना जाता है कि जो विष स्वामी दयानन्द को आखिरि बार दिया था वही अत्यन्त घातक था।किन्तु उनके मर जाने के बात जब शरीर की जान्च की गयी तो पता चला कि उनके शरीर में कैलोमेल की मात्रा अधिक था।किन्तु जो विश उन्हें आखिरि बार दिया था उसमें कैलोमेल था ही नहीं।अत: इससे यह सिद्ध होता है कि उस दुष्ट रानी के अलावा बाद मे किसी और ने भी उन्हें विष दिया था।जबसे रानी ने उन्हें जहर दिया तब से स्वामीजी डोक्ट्रो की देखरेख में थे।तो इससे यह सिद्ध होता है कि डोक्टरो ने उन्हें औसधी के माध्यम से अनेक विष दिये थे।वैद्य भी उनके दुश्मन बन गये थे।
महर्षि दयानन्द के दुश्मन सभी पडित,राजा,सन्त,आदि थे।इतनी भयन्कर दुश्मनी के चलते स्वामीजी ने यह काम कर डाला।इस कथा से हमें एक दिव्य प्रेरणा मिलती है।स्वामीजी ने पिया विष तो उन्होंनें दिया अमृत।यानी स्वामीजी ने उस विष को अमृत मे ब्दल दिया।यह मेरीआशा है स्वामीजी जैसे लोग अब आते ही रहेंगें तभी इस देश का भला हो सकता है। धन्यवाद! विनय आर्य
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munnusinghmalik | Date: Sunday, 2015-06-14, 2:36 PM | Message # 2 |
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| ॐ जय आर्य महर्षि द्यानन्द अमर रहें।
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